बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले अपनी ही सरकार के खिलाफ करेंगी प्रदरशन , कहा- आरक्षण खत्म करने की हो रही है साजिश
बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले अपनी ही सरकार के खिलाफ हो गई हैं। फुले केन्द्र सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ 1 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन करेंगी। बता दें कि योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी उनके ही सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। सावित्री बाई फुले यूपी के बहराइच से सांसद हैं।आरक्षण खत्म करने की साजिश अपनी ही सरकार व पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है। फिलहाल इस मुद्दे पर भाजपा चुप है। सावित्री बाई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। भारतीय संविधान और आरक्षण भी खतरे में आ गया है। सांसद ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा। इसमें प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था की मांग भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘नमो बुद्धाय जनसेवा समिति’ के बैनर तले एक अप्रैल को स्मृति उपवन में महारैली का आयोजन किया गया है। इसमें एससी, एसटी, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को रखा जाएगा।
सांसद सावित्री बाई फुले की प्रमुख मांगे
117वां संविधान संशोधन करें। निजी क्षेत्र में दें आरक्षण, एससीएसटी पर अत्याचार रोकें। महिलाओं पर अपराध में कड़ी कार्रवाई करें। विभागों में कोटा तय कर दलितों व अल्पसंख्यकों को आरक्षण दें। आरक्षण को 9वीं अनुसूची में रखकर संरक्षित कर दिया जाए। सभी विश्वविद्यालयों और सरकारी संस्थाओं में आरक्षण का रोस्टर लागू किया जाए।
दलितों के मुद्दे पर नाराज हैं योगी सरकार के मंत्री
योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर दलितों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। राजभर का कहना है कि एसएसी एसटी को 21 फीसदी आरक्षण राजनीति में भी मिलता है। जबकि पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण तो मिलता है।