कर्नाटक में जीत से बीजेपी के लिए खुलेगा दक्षिण भारत का दरवाजा कांग्रेस को भ्रष्टाचार का प्रतीक
चुनावी राज्य कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में कमल खिलाकर दक्षिण भारत में प्रवेश करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से ही बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की अवहेलना की है। यूपी में डॉक्टर आंबेडकर का नाम बदलने के आरोप पर उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी ने बाबा साहब का नाम नहीं बदला है, बल्कि उनका पूरा नाम लिखा है।
मैसूर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी समाज को बांटने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने के बारे में अगर सिद्धारमैया इतने गंभीर थे तो चार साल तक उन्होंने क्यों कुछ नहीं किया। चुनाव से ठीक पहले इसका ऐलान क्यों किया। यही नहीं केंद्र की यूपीए सरकार भी लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने के प्रस्ताव को पहले ही खारिज कर चुकी है।’
अमित शाह ने कहा, ‘सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वोट बांटने के लिए लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा दिया है। उसकी कोशिश है कि बीएस येदियुरप्पा सीएम नहीं बन पाएं।’ उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद लिंगायत के मुद्दे पर उनकी पार्टी जनता के पास जाएंगी और उनसे बात कर कोई फैसला लिया जाएगा। शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने अभी तक केंद्र को लिंगायत संबंधी अपना प्रस्ताव नहीं भेजा है।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘दक्षिण में बीजेपी के प्रवेश का द्वार कर्नाटक होगा और इस चुनाव परिणाम का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सालों तक डॉक्टर आंबेडकर की अवहेलना की है। उनको भारत रत्न नहीं दिया जबकि एनडीए सरकार ने कई सरकारी योजनाओं के जरिए दलितों को ऊपर उठाने का काम किया है। भीमराव आंबेडकर का नाम हमने नहीं बदला है, बस उनका पूरा नाम लिखा है।
शाह ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘ कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई है। मैं कर्नाटक के लोगों से कहना चाहता हूं कि जेडीएस को वोट देने का मतलब कांग्रेस को वोट देना है। इसलिए उसे वोट न दें और सिद्धारमैया सरकार को उखाड़ फेकें।’ चंद्रबाबू नायडू के साथ छोड़ने पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि टीडीपी के ऊपर दबाव पड़ा है, इसलिए उसने एनडीए छोड़ा है। बीजेपी अब आंध्र प्रदेश में तीसरी बड़ी ताकत बन चुकी है और पार्टी का जनाधार भी वहां बढ़ गया है।