चारा घोटाला: लालू दोषी करार, तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी
चारा घोटाला मामले में रांची सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है और लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं। तीन जनवरी को उन्हें सजा सुनाई जाएगी।
पटना। बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में फैसला आ गया और लालू यादव को सीबीआइ की कोर्ट ने दोषी करार दिया है और अब तीन जनवरी को उनकी सजा का एेलान किया जाएगा। इसी मामले में आरोपी जगन्नाथ मिश्रा को रिहा कर दिया गया है। अब तय हो गया है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव इस बार नया साल जेल में ही मनाएंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि जगन्नाथ मिश्रा को इस मामले से रिहा कर दिया गया है। लालू यादव कोर्ट में मौजूद हैं और बाहर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। लोग लालू के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सभी आरोपियों के कोर्ट पहुंचते ही कुछ ही देर में कोर्ट की कार्रवाई शुरू होगी और इस बहुप्रतीक्षित मामले में कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट के बाहर काफी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी है।सीबीआई के जज शिवपाल सिंह का इंतजार किया जा रहा है। इजलास में लालू समेत अन्य आरोपी मौजूद हैं दस मिनट में कोर्ट रूम में जज आ जाएंगे।
सजा हुई तो लालू बिरसा केंद्रीय कारागर जाएंगे
मिली जानकारी के मुताबिक अगर सीबीआइ की विशेष कोर्ट चारा घोटाला मामले में दोषी करार देते हुए लालू यादव को सजा सुनाती है तो उन्हें बिरसा केंद्रीय कारागार में रखा जाएगा। बता दें कि ये वही बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल है, जो पशुपालन विभाग की जमीन पर बना हुआ है।
तीन बजे आ जाएगा बड़ा फैसला
पहले फैसले का समय सुबह ग्यारह बजे तय था, लेकिन लालू यादव के वकील चितरंजन प्रसाद ने जानकारी दी कि ग्यारह बजे के बदले अब दोपहर तीन बजे तक फैसला सुनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फैसले के समय में बदलाव की जानकारी लालू को दी गई जिसके बाद वो कोर्ट में हाजिरी लगाकर वापस गेस्ट हाउस चले गए थे।
लालू ने कोर्ट जाने से पहले कहा-भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे
आज सुबह साढ़े दस बजे के बाद जैसे ही लालू यादव रांची स्थित रेलवे के गेस्ट हाउस से कोर्ट के निकले, उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं ने घेर लिया। कोर्ट जाने से पहले लालू ने कहा कि फैसला जो भी आए सभी लोग संयम बरतें, मैं बिहार की जनता का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है, फैसला जो भी आए हर आदमी लालू यादव बनकर बीजेपी के खिलाफ खड़ा होगा और भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।
मेरे बाद तेजस्वी है ना, राजद और होगा मजबूत
लालू ने कहा कि जो भी फैसला आएगा लालू को मंजूर है, मेरे बाद मेरा बेटा तेजस्वी है ना, पूरा देश, पूरी जनता देख रही है कि मुझे और मेरे परिवार को किस तरह भाजपा परेशान करने की कोशिश हो रही है उसमें वो कामयाब नहीं होंगे। एक लालू को जेल भेजेंगे तो एक लाख लालू अब पैदा होगा, लालू ने गरीब जनता की लड़ाई लड़ी है और लड़ता रहेगा।
तेजस्वी ने कहा-मैंने बचपन से देखा है, लालू जी एक विचारधारा का नाम है
लालू के साथ उनके बड़े बेटे तेजस्वी भी कार में बैठकर कोर्ट जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि मैंने बचपन से देखा है कि मेरे पिता ने गरीबों के लिए किस कदर लड़ाई लड़ी है? मेरे पिता लालू यादव जी एक नाम नहीं, एक विचारधारा का नाम है।
मेरे पिता हमेशा ही मुसीबतों को झेलते रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपना कदम पीछे नहीं हटाया है। मैंने अपने पिता से सीखा है कि किस तरह मुसीबतों से लड़ना है। भाजपा जिस तरह से मेरे पिता और परिवार को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है वो जनता देख रही है।
15 साल से जेल के बाहर भीतर होते रहे लालू
राजद सुप्रीमो लालू यादव पहली बार दिसंबर 2002 में गरीब रथ पर सवार होकर रांची आए थे और उस वक्त बेकन हॉस्टल लालू के लिए कैंप जेल बना था।
1997 में 137 दिन न्यायिक हिरासत में रहे थे लालू
लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 को पहली बार और 1995 में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लालू यादव का नाम 1996 में मुख्य रूप से सामने आया। लालू यादव को साल 1997 में पहली बार न्यायिक हिरासत रखे गए और 12 दिसंबर 1997 को रिहा किए गए।
1998 में बेऊर जेल में रखे गए थे लालू
इसके बाद दूसरी बार इस मामले में उन्हें 28 अक्टूबर 1998 को जेल यात्रा करनी पड़ी। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख को बेऊर जेल में रखा गया था। हालांकि इसके बाद भी उन्हें फिर जमानत मिल गई।
2000 में लालू ने 1 दिन ही जेल में गुजारा
लालू प्रसाद यादव को इस मामले में एक बार फिर 28 नवंबर 2000 को गिरफ्तार किया गया। हालांकि इस बार लालू प्रसाद यादव को सिर्फ 1 दिन ही जेल में गुजारना पड़ा।
2013 में फिर जेल गए थे लालू प्रसाद यादव
इसके बाद 2013 में चारा घोटाले से ही जुड़े एक मामले में 37 करोड़ रुपये के गबन को लेकर लालू यादव दोषी पाए गए। इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
राजद ने प्रमुख प्रवक्ताओं को दी प्रेस से बात करने की जिम्मेवारी
रांची सीबीआई कोर्ट के फैसले के इंतज़ार में राजद के प्रवक्ता दिल्ली, पटना और रांची में मुस्तैद हैं। लालू के निर्देश पर दिल्ली स्थित राजद ऑफिस में राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और सांसद जय प्रकाश यादव की ड्यूटी लगाई गई है। पटना ऑफिस में जगदानंद सिंह, निरंजन कुशवाहा और चितरंजन गगन मौजूद हैं।
रांची में शक्ति यादव और एज्या यादव की ड्यूटी लगाई गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सभी प्रवक्ताओं को मीडिया के सवालों का जवाब देने की जिम्मेवारी सौपी गई है।
फैसले पर है पूरे देश की नजर
इस बड़े फैसले पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। राजद के बड़े नेता और कार्यकर्ता धीरे-धीरे रांची के सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट पहुंचने लगे हैं। फैसले के बाद राजद के बड़े नेता मीडिया से मुखातिब होंगे। कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
तेजप्रताप यादव ने पिता के लिए की पूजा अर्चना
लालू के साथ उनके छोटे बेटे तेजस्वी जहां रांची में हैं, तो वहीं बड़े बेटे तेजप्रताप यादव मां राबड़ी के पास पटना में हैं। तेजप्रताप ने सुबह पूजा-पाठ की और लालू के लिए दुआएं मांगीं। पटना में भी राजद के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच गहमागहमी देखी जा रही है। हालांकि लालू आवास पर सन्नाटा छाया हुआ है। राबड़ी देवी टीवी पर पल-पल की खबर रख रही हैं।
पैतृक गांव में भी हो रही पूजा
लालू प्रसाद के पैतृक गांव फुलवरिया के ग्रामीणों की बेचैनी बढ गयी है। फुलवरिया गांव में स्थित दुर्गा मंदिर में ग्रामीण लालू प्रसाद के बरी होने के लिए पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस मंदिर को लालू प्रसाद ने बनवाया है।
मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे लालू प्रसाद के भतीजा नितेश कुमार , पोता लवकुश , मंदिर के महंथ हीरामन दास आदि का कहना है कि लालू प्रसाद को साजिश के तहत चारा घोटाले में फंसाया गया है। न्यायालय पर पूरा विश्वास है। लालू प्रसाद इस केस में बरी होंगे। उनके बरी होने के लिए पूजा अर्चना की जा रही है।
रांची पहुंचे लालू के समर्थक, कहा-हमारे नेता निर्दोष
रांची पहुंचे राजद के नेता और कार्यकर्ता फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सबने एक सुर में कहा कि हमारे नेता निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है। हम चाहते हैं कि फैसला जल्द सुना दिया जाए और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी पाक साफ निकलेंगे और हम सबको इसका इंतजार है। हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और फैसला हमारे नेता के पक्ष में ही होगा।
सजा पर संशय जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए माना जा रहा है कि लालू को अधिकतम सात साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है। तीन साल से कम की सजा पर लालू के लिए जमानत लेना आसान हो सकता है, लेकिन तीन साल से ज्यादा की सजा होने पर जमानत लेने में दिक्कत होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था झटका
झारखंड हाईकोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू को राहत देते हुए उनपर लगे घोटाले की साजिश रचने और ठगी के आरोप हटा दिए थे। फैसले में कहा गया था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती।
इस फैसले को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए लालू पर आपराधिक केस चलाने की अनुमति दे दी थी। साथ ही नौ महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश भी दिया था।
इस मामले में होगा फैसला
पुलिस ने 1994 में संयुक्त बिहार के देवघर, गुमला, रांची, पटना, चाईबासा और लोहरदगा समेत कई कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध निकासी के मामले दर्ज किए। धड़ाधड़ गिरफ्तारियां होने लगी तो पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और जांच का काम सीबीआइ को सौंपा। तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी चपेट में आ गए।
देवघर कोषागार से निकासी मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र सहित 22 आरोपियों पर न्यायालय में ट्रायल चला है। कुल 34 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया था, जिनमें से कई का निधन हो चुका है, जबकि दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए हैं।