वाराणसी (जेएनएन)। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाई ओवर की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई है। सरकार इस हादसे में मृतक के परिवारीजन को पांच-पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करेगी।

वाराणसी में फ्लाईओवर के निर्माण में बरती जा लापरवाही से मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया। बिना रूट डायवर्जन के पिलर पर रखी जा रहीं दो बीम गिरने से कोहराम मच गया। आधा दर्जन से ज्यादा वाहन इन बीमों के नीचे दब गए, जिसमें से 18 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, पीएसी व स्थानीय लोगों की मदद से चार घंटे तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद दोनों बीम को मौके से हटा दिये गया है। घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जांच समिति भी गठित कर दी है और मृतकों को पांच-पांच और घायलों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। देर रात मुख्यमंत्री बनारस पहुंचे और घटना स्थल देखा। इसके बाद वह घायलों से मिलने अस्पताल भी गए।

कैंट स्टेशन के करीब शाम 5.20 बजे यह घटना हुई। बीम के नीचे एक रोडवेज बस, एक बोलेरो, दो कार, एक आटो रिक्शा और चार बाइक दब गईं थीं। मौके पर अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई। नौ क्रेन की मदद से दोनों बीम को करीब चार घंटे में उठाया जा सका। हादसे का कारण पहली नजर में उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम द्वारा लापरवाही से किया जा रहा कार्य बताया जा रहा है। ट्रैफिक डायवर्जन किए बिना ही निर्माण कार्य किया जा रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शाम होने की वजह से मौके पर जाम की स्थिति थी। लिहाजा बीमों के गिरने के दौरान बचाव और भागने की गुंजाइश भी नहीं थी, जो जहां था वहीं बीम की चपेट में आ गया। प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा मौके पर मौजूद लोगों की मदद से घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर, नजदीकी रेलवे अस्पताल, मंडलीय अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल भेजा गया है। दर्जनों एंबुलेंस, जेसीबी व हाइड्रोलिक क्रेन मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य में विलंब के चलते जनता में आक्रोश भी देखने को मिला।