जब बात रोहतांग दर्रा, हिमालय में स्थित एक ऊँचा पहाड़ी पास है जो साहसिक यात्रियों को आकर्षित करता है, रोहतांग पास की आती है, तो तुरंत ही हाई‑एलेवेशन ट्रेक, परिदृश्य फोटोग्राफी और स्थानीय संस्कृति दिमाग में आती है। यह दर्रा उत्तराखंड के गड़ीबाँस महादेवी राष्ट्रीय उद्यान के किनारे बसा है, जहाँ मौसम बदलते ही ट्रेक की कठिनाई भी बदलती है। अगर आप बर्फीले रास्तों, ठंडी हवाओं और अचानक बदलते मौसम से डरते नहीं हैं, तो यह जगह आपके लिए बिल्कुल सही है। यहाँ का सबसे लोकप्रिय सीज़न मई से अक्टूबर तक रहता है, क्योंकि इस दौरान बर्फ का पिघलना आसान होता है और रास्ते साफ़‑सुधरे रहते हैं।
हिमालय, दुनिया की सबसे ऊँची पर्वतमाला श्रृंखला है जहाँ कई पवित्र दर्रे और शिखर स्थित हैं रोहतांग दर्रा को प्राकृतिक फ्रेम देता है। हिमालय की जलवायु सीधे तौर पर पास के बर्फीले रास्तों और लेकसाइड कैंपिंग पर असर डालती है। उच्च ऊँचाई पर कम ऑक्सीजन और तेज़ हवाएँ ट्रेकर्स को विशेष तैयारी की मांग करती हैं, इसलिए यहाँ का हर कदम एक नई सीख देता है। पिछले साल के डेटा से पता चलता है कि यात्रा का 70 % भागीदार सही गियर और स्थानीय गाइड की मदद से ही सफल होते हैं। इस कारण से रोहतांग दर्रा को सुरक्षित करने के लिए स्थानीय सरकार ने कई सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए हैं, जैसे कि मौसम पूर्वानुमान स्क्रीन, एम्बुलेंस पॉइंट और आपातकालीन कॉल सेंटर।
हाईइलेवेशन ट्रेक, उच्च बिंदु पर होने वाले लंबे पैदल यात्रा कार्यक्रम हैं जो शारीरिक और मानसिक क्षमता का परीक्षण करते हैं का एक मुख्य हिस्सा रोहतांग दर्रा है। ट्रेक में आमतौर पर चार दिन लगते हैं, पहला दिन गढ़वाल की घाटी में पहुँच कर acclimatization करते हैं, फिर दो दिन दर्रा की चढ़ाई, और अंतिम दिन नीचे उतरते हैं। यात्रा के दौरान आपको पाइन वन, घास के मैदान और बर्फीले पत्थर मिलते हैं, जिससे हर कदम में नई दृश्यावली बदलती रहती है। कई यात्रियों ने बताया कि इस ट्रेक से उन्हें आत्मविश्वास और प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव मिला। यदि आप इस अनुभव को और रोमांचक बनाना चाहते हैं, तो स्थानीय वन्यजीव गाइड के साथ सफर करना फायदेमंद रहेगा, क्योंकि वे आपको बर्फीले खरगोश, हिममानव और दुर्लभ पक्षी पहचानने में मदद करेंगे। साथ ही, उचित शारीरिक प्रशिक्षण और हाई‑एलेवेशन नींद की आदतें कमीशन शर्तें हैं, जिससे चोटी पर पहुँचने पर सांस फूलने की समस्या घटती है।
पर्यटन, स्थानीय संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक गतिविधियों को मिलाकर लोगों को आकर्षित करने का समग्र स्वरूप है यहाँ की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है। रोहतँग दर्रा के आसपास छोटे हॉटेल, बर्गी सेवा और स्थानीय हस्तशिल्प की दुकाने होती हैं, जहाँ आप कश्मीर के शॉल, न्दरी (नदी) के रिवर साइड स्नैक्स और घोड़ों की सवारी खरीद सकते हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन सिचुएशन को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने साथी गाइड ट्रेनिंग और डिजिटल बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया है, जिससे यात्रियों को आसानी से जगह बुक करनी मिलती है। यात्रा के बाद कई लोग अपने अनुभव को ब्लॉग या सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, जिससे आगे के यात्रियों को प्रेरणा मिलती है। यदि आप सर्दियों में यहाँ जाना चाहते हैं, तो स्थानीय त्यौहार ‘शरद रात्रि’ देखें, जो हिमालय की चोटी पर रंगीन मशालों और गीतों से भर जाता है।
इस पेज पर आपको सिर्फ रोहतांग दर्रा की जानकारी ही नहीं, बल्कि विभिन्न लेख भी मिलेंगे जो भारत के अलग‑अलग कोनों से जुड़ी हैं – जैसे कि केरल की लॉटरी जीत की कहानी, ऑस्ट्रेलिया‑भारत महिला क्रिकेट मैच की रोमांचक झलक, और तमिलनाडु की जीवनशैली के फायदे‑नुकसान। इन विविध लेखों का लक्ष्य आपको एक ही जगह पर यात्रा, खेल, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों का पूरा panorama देना है। तो नीचे स्क्रॉल करके आप इन सभी लेखों को एक साथ पढ़ सकते हैं और अपने ज्ञान को व्यापक बना सकते हैं।
अब आगे चलिए, नीचे आपके लिये तैयार किए गए रोहतांग दर्रा और उससे जुड़ी विभिन्न कहानियों की सूची देखें और अपनी अगली साहसिक योजना को और रंगीन बनाइए।