जब बात हिमाचल मौसम विभाग, हिमाचल प्रदेश के मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार सरकारी संस्थान. यह विभाग न सिर्फ बारिश या तापमान की जानकारी देता है, बल्कि पहाड़ी राज्यों के लिए जानलेवा भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी भी जारी करता है की होती है, तो समझिए कि यह केवल मौसम बताने वाला विभाग नहीं है। यहां तक कि किसान भी अपनी फसलों के लिए मौसम की भविष्यवाणी पर निर्भर करते हैं। आप यह नहीं जानते होंगे कि हिमाचल में बर्फबारी से पहले 48 घंटे का अलर्ट सिस्टम इसी विभाग का काम है।
इस विभाग का काम मौसम अनुमान, भविष्य में होने वाले मौसमी बदलावों की वैज्ञानिक भविष्यवाणी. यह न केवल रोजमर्रा की यात्रा के लिए बल्कि आपदा राहत कार्यों में भी मददगार होता है करना ही नहीं, बल्कि इसकी जानकारी से प्राकृतिक आपदाएं, भूस्खलन, बाढ़ या अचानक बारिश जैसी प्राकृतिक विपत्तियां. इन आपदाओं से बचाव के लिए विभाग जमीनी स्तर पर टीमें तैनात करता है का पूर्वानुमान लगाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद करता है। जैसे हाल में कुल्लू में भारी बारिश से पहले जारी अलर्ट ने कई जानें बचाई थीं। किसानों के लिए यह जानकारी उतनी ही जरूरी है जितना कि व्यापारियों के लिए शेयर बाजार का अपडेट।
हिमाचल मौसम विभाग न सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों की जानकारी देता है, बल्कि इसके डेटा का इस्तेमाल पूरे भारत में कृषि नीतियां बनाने में होता है। क्या आप जानते हैं कि यहां से मिलने वाली बर्फबारी की जानकारी दिल्ली के तापमान को भी प्रभावित करती है? यह विभाग अपने काम में आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे डॉपलर रेडार और सैटेलाइट इमेजेस का इस्तेमाल करता है। अगर आपको लगता है कि मौसम रिपोर्ट सिर्फ एक न्यूज चैनल का हिस्सा है, तो यह गलत धारणा है। इसके पीछे एक पूरी टीम वैज्ञानिकों का कड़ा परिश्रम होता है जो लाखों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यहां देखें भारत से जुड़ी ताज़ा ख़बरें और अपडेट्स जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं।