जब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 26 अक्टूबर को नाशिक, धूले और नंदुरबार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, तो लोगों ने समझ लिया — ये सिर्फ बारिश नहीं, बल्कि एक तूफान का आगमन है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि साइक्लोन मोंथा बंगाल की खाड़ी में तेजी से तीव्र हो रहा है और 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के काकिनाडा के आसपास तट पर टकराने की उम्मीद है। इसकी छाया महाराष्ट्र के 11 जिलों तक फैल चुकी है — जहां बारिश के साथ बिजली चमक रही है, हवाएं 50 किमी/घंटा तक दौड़ रही हैं, और लोग अपने घरों के दरवाजे बंद कर रहे हैं।

कौन से जिले खतरे में हैं?

26 अक्टूबर को जारी अलर्ट के अनुसार, नाशिक, धूले और नंदुरबार के लिए ऑरेंज अलर्ट लागू है — यानी भारी बारिश और तूफानी हवाएं अपेक्षित हैं। नाशिक में सोमवार दोपहर से ही भारी बारिश की भविष्यवाणी है, जबकि धूले में रात के समय अकेले-अकेले स्थानों पर 50 किमी/घंटा तक की हवाएं चल सकती हैं। इसके अलावा, मुंबई, ठाणे और पालघर के लिए पीला अलर्ट जारी किया गया है। यहां बारिश इतनी तीव्र हो सकती है कि शहर की निचली सड़कें जलमग्न हो सकती हैं।

विदर्भ के लिए तो स्थिति और भी गंभीर है। चंद्रपुर, गढ़चिरोली, वर्धा, वाशिम, यवतमाल, भंडारा, गोंडिया और नागपुर — इन आठ जिलों में 28 से 30 अक्टूबर तक भारी बारिश और तूफानी हवाएं आने की संभावना है। यहां तक कि गांवों में बिजली की आपूर्ति टूटने का खतरा है, और कई किसान अपने फसलों को बचाने के लिए ट्रैक्टरों से पानी निकाल रहे हैं।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

वैज्ञानिक प्रवीण कुमार, नागपुर का क्षेत्रीय मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक, ने बताया: "साइक्लोन मोंथा अब तक उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर सुबह तक गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा।" उन्होंने जोड़ा, "इसकी अधिकतम लगातार हवा की गति 90-100 किमी/घंटा होगी, और तूफानी झोंके 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकते हैं।"

ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं — ये जीवन और मौत का सवाल हैं। 2018 में साइक्लोन फानी ने ओडिशा में 89 लोगों की जान ले ली थी। अब भी ऐसे ही खतरे की स्थिति है। लेकिन इस बार एक अलग चीज है: उत्तर-पूर्वी मानसून की हवाएं भी एक साथ गतिशील हैं। यानी बारिश का दबाव दोहरा हो रहा है — एक तरफ साइक्लोन, दूसरी तरफ मानसून। इसलिए आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और यानम क्षेत्रों में बारिश और भी भारी हो सकती है।

क्या अन्य राज्य प्रभावित हो रहे हैं?

हां। गुजरात के उत्तरी हिस्सों में भी आज दोपहर तक बारिश की संभावना है। कोंकण और गोवा में 27 से 29 अक्टूबर तक लगातार बारिश रहेगी। अन्य राज्यों में भी तैयारी चल रही है। ओडिशा ने अपने तटीय क्षेत्रों में आपातकालीन शिफ्ट शुरू कर दिया है। तमिलनाडु के तटीय गांवों में लोग अपने घरों के छतों को बांध रहे हैं। और आंध्र प्रदेश के राज्य स्तरीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने 200 से अधिक आश्रय शिविर तैयार कर दिए हैं।

क्या बारिश का असर केवल बारिश तक सीमित है?

क्या बारिश का असर केवल बारिश तक सीमित है?

बिल्कुल नहीं। अगर नाशिक के किसी गांव में बाढ़ आ गई, तो वहां के बच्चों के स्कूल बंद हो जाएंगे। अगर मुंबई की स्थानीय लाइनें बाढ़ में डूब गईं, तो लाखों यात्री रोज के काम से लौट जाएंगे। और अगर विदर्भ में बारिश ने अनाज को नष्ट कर दिया, तो अगले छह महीने तक अनाज के दाम बढ़ सकते हैं।

2023 में भी ऐसा हुआ था — जब साइक्लोन टिक्कू ने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया था। उस बार राज्य सरकार ने 700 करोड़ रुपये का नुकसान अनुमानित किया था। अब भी वही खतरा है — लेकिन इस बार ज्यादा जिले शामिल हैं।

अगला क्या होगा?

28 अक्टूबर के बाद भी बारिश का खतरा बना रहेगा। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि 30 अक्टूबर तक विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। इसके बाद भी तापमान में गिरावट आएगी — जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों की निगरानी बढ़ा दी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साइक्लोन मोंथा के कारण कौन से जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है?

नाशिक, धूले, नंदुरबार, मुंबई, ठाणे, पालघर के अलावा विदर्भ के आठ जिले — चंद्रपुर, गढ़चिरोली, वर्धा, वाशिम, यवतमाल, भंडारा, गोंडिया और नागपुर — में 28 से 30 अक्टूबर तक भारी बारिश और तूफानी हवाएं आने की संभावना है। इन जिलों में बिजली और संचार बाधित हो सकते हैं।

साइक्लोन मोंथा का तट पर टकराने का समय क्या है?

साइक्लोन मोंथा 28 अक्टूबर की शाम या रात के समय आंध्र प्रदेश के काकिनाडा और मच्छलीपट्टनम के बीच तट पर टकराने की उम्मीद है। इसकी अधिकतम हवाओं की गति 90-100 किमी/घंटा होगी, और झोंके 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकते हैं।

महाराष्ट्र के लोगों को अभी क्या करना चाहिए?

ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में लोगों को घरों में रहना चाहिए, नदियों और नालों के पास नहीं जाना चाहिए। पानी के टैंक, फ्लैशलाइट और आपातकालीन दवाएं तैयार रखें। मुंबई और ठाणे में स्थानीय लाइनों के लिए अपडेट चेक करें — संभावित रद्द करने की संभावना है।

इस बार क्यों ज्यादा चिंता की जा रही है?

क्योंकि यह साइक्लोन उत्तर-पूर्वी मानसून के साथ मिल रहा है। यानी दो बारिश के स्रोत एक साथ काम कर रहे हैं — जिससे बारिश की मात्रा और अधिक बढ़ जाती है। इसके अलावा, 2023 के बाद से अब तक जमीन नहीं सूखी है — इसलिए बाढ़ का खतरा अधिक है।

क्या यह साइक्लोन पिछले साल के साइक्लोन टिक्कू जितना खतरनाक है?

साइक्लोन टिक्कू ने 2023 में महाराष्ट्र के तटीय जिलों को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन यह बार अधिक जिलों को छू रहा है। नागपुर जैसे आंतरिक जिलों में भी भारी बारिश की भविष्यवाणी है — जो पिछले वर्ष नहीं हुआ था। इसलिए असर व्यापक हो सकता है।

क्या राज्य सरकार ने आपातकालीन योजना बनाई है?

हां। महाराष्ट्र सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को सक्रिय कर दिया है। 150 से अधिक आश्रय शिविर तैयार किए गए हैं, और आर्मी और NDRF के टीमें तैनात हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष देखभाल के लिए अस्पतालों में आपातकालीन बिस्तर भी जोड़े गए हैं।