19 नवंबर 2025 को, नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त जारी की। दोपहर 2 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में, 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹2,000 की राशि सीधे डीबीटी के जरिए ट्रांसफर की गई — कुल ₹18,000 करोड़ की रकम एक दिन में किसानों तक पहुंच गई। यह दिन किसान दिवस के रूप में भी मनाया गया। लेकिन यह सिर्फ एक ट्रांसफर नहीं था... यह एक संकेत था — कि गांव की धरती अभी भी देश की रीढ़ है।
किसानों को मिली दोगुनी खुशी, लेकिन कई नहीं पहुंच पाई
इस बार कुछ किसानों को सामान्य ₹2,000 से ज्यादा मिला। 46.62 लाख किसानों को पिछली किस्तों का बकाया भी मिल गया — उन्हें कुल ₹7,000 की राशि एक साथ जमा की गई। ये वो लोग हैं जिनके खातों में पिछली किस्तें टेक्निकल दिक्कतों या डेटा गलतियों की वजह से नहीं पहुंच पाई थीं। लेकिन इसके विपरीत, 31 लाख खातों को संदिग्ध पाया गया — जिनमें डुप्लीकेट नाम, मृत व्यक्ति के खाते या गैर-किसान शामिल थे। इनका नाम सूची से हटाया जा सकता है। यह बात बताती है कि योजना बड़ी है, लेकिन उसकी पहुंच का नियंत्रण अभी भी चुनौती है।
आधार-बैंक लिंकिंग: लाभ का दरवाजा, या बाधा?
किसानों को योजना का लाभ पाने के लिए एक जरूरी शर्त है — आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना और e-KYC पूरा करना। इसे पूरा न करने वाले किसानों को 21वीं किस्त नहीं मिली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने अजमेर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह शर्त भ्रष्टाचार और गलत लाभार्थियों को रोकने के लिए है, लेकिन गांवों में इसकी जागरूकता कम है। कई किसानों को नहीं पता कि उनका आधार लिंक हुआ है या नहीं।
किसानों के लिए डिजिटल दरवाजा: pmkisan.gov.in
अब किसान अपनी स्थिति pmkisan.gov.in पर चेक कर सकते हैं। 'Beneficiary Status' सेक्शन में नाम, मोबाइल नंबर या बैंक खाता संख्या डालकर वे जान सकते हैं कि उनके खाते में पैसा आया है या नहीं। फोन बैंकिंग के जरिए भी यह जानकारी मिल सकती है। लेकिन यहां एक बड़ी समस्या है — ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता का अभाव। कई महिला किसान, जिन्होंने इस बार विशेष रूप से भाग लिया, अभी भी अपने बेटे या पड़ोसी की मदद से जानकारी लेते हैं।
अन्य किसान-हितैषी पहलें: MSP और जैविक खेती का जोर
इस अवसर पर भागीरथ चौधरी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि अब तक 23 फसलों के लिए MSP घोषित किया जा चुका है, और इसे बिना बाजार के दबाव के निर्धारित किया जा रहा है। इसके अलावा, प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र (भाकृअनुप-एनआरसीएसएस) जैसे संस्थानों का काम बढ़ रहा है। ये बदलाव धीरे-धीरे भारत की खेती को रासायनिक निर्भरता से बाहर निकालने की दिशा में जा रहे हैं।
राज्यों में अंतर: ओडिशा और उत्तराखंड का अलग अनुभव
राज्यों में इस योजना की पहुंच अलग-अलग है। ओडिशा में 34.12 लाख किसानों को पहले ही 21वीं किस्त मिल चुकी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदा के बाद अतिरिक्त सहायता के तौर पर पहले ही राशि जारी कर दी गई थी। यह दिखाता है कि योजना अब सिर्फ आय समर्थन नहीं, बल्कि आपातकालीन सहायता का भी एक उपकरण बन चुकी है।
अगला कदम: अपडेट करें, न कि इंतजार करें
अगली किस्त 1 दिसंबर 2025 को जारी होने की उम्मीद है। लेकिन किसानों को अब इंतजार करने की जरूरत नहीं। वे अपने आधार-बैंक लिंकिंग की जांच कर सकते हैं। बैंक में जाकर, या अपने किसान सहकारी संघ के माध्यम से, यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो आप नरेंद्र मोदी के नाम पर एक ईमेल भेज सकते हैं — यह विकल्प भी उपलब्ध है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त कब और कितने किसानों को मिली?
21वीं किस्त 19 नवंबर 2025 को जारी की गई। इसके तहत 9 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में ₹2,000 की राशि ट्रांसफर की गई। इसमें 46.62 लाख किसानों को पिछली किस्तों का बकाया ₹7,000 भी मिला। कुल ₹18,000 करोड़ की राशि देशभर में अंतरित की गई।
किसानों को योजना का लाभ कैसे प्राप्त होता है?
किसानों को आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से लिंक करना और e-KYC पूरा करना अनिवार्य है। इसके बिना राशि नहीं मिलती। लाभार्थी अपनी स्थिति pmkisan.gov.in पर अपने नाम, मोबाइल या खाता संख्या डालकर चेक कर सकते हैं। फोन बैंकिंग के माध्यम से भी जानकारी उपलब्ध है।
31 लाख संदिग्ध लाभार्थी कौन हैं और उनके नाम क्यों हटाए जा सकते हैं?
31 लाख संदिग्ध लाभार्थी ऐसे हैं जिनके खातों में डुप्लीकेट नाम, मृत व्यक्ति के नाम, या गैर-किसानों के नाम शामिल थे। इन्हें डेटा मैचिंग और बैंक वेरिफिकेशन के आधार पर पहचाना गया है। इनके नाम सूची से हटाए जाने से योजना का लाभ वास्तविक किसानों तक पहुंचेगा।
क्या ओडिशा और हिमाचल प्रदेश में किसानों को अलग राशि मिली?
हां, ओडिशा में 34.12 लाख किसानों को 21वीं किस्त पहले ही मिल चुकी है। हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदा के बाद अतिरिक्त सहायता के तौर पर पहले ही राशि जारी की गई थी। यह योजना के लिए एक नया रूप है — सिर्फ आय समर्थन नहीं, आपातकालीन राहत भी।
PM-KISAN के अलावा कौन-सी अन्य योजनाएं किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अब 23 फसलों के लिए घोषित है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-एनआरसीएसएस जैसे केंद्रों का काम बढ़ रहा है। फसल बीमा, डिजिटल कृषि बाजार (e-NAM), और किसान फार्मर पोर्टल भी किसानों के लिए महत्वपूर्ण सहायता हैं।
अगली किस्त कब आएगी और क्या बदलाव आ सकते हैं?
अगली किस्त 1 दिसंबर 2025 को जारी होने की उम्मीद है। संभावना है कि अगले वित्तीय वर्ष में राशि ₹3,000 प्रति किस्त तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, डिजिटल वेरिफिकेशन के लिए आधार के बजाय डिजिटल आधार बैंकिंग का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है।