केरल राज्य लॉटरी विभाग ने 1 अक्टूबर, 2025 को शाम 3 बजे थिरुवनंतपुरम के गोर्की भवन, बेकरी जंक्शन के पास, एक बार फिर लॉटरी के निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। धनलक्ष्मी DL-20 की लाइव ड्रॉ के दौरान, DP 784922 नंबर वाला टिकट निकला — जिसने अनिल कुमार बी द्वारा बेचा गया यह टिकट पाथनामथिट्टा जिले के म.ए. शिवराजन पिल्लई, थेक्केमला से बिका। इस टिकट ने 1 करोड़ रुपये का प्रथम पुरस्कार जीता।

प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के विजेता

प्रथम पुरस्कार के साथ-साथ, द्वितीय पुरस्कार ₹30 लाख का टिकट DU 601043 निकला, जो वयनाड जिले के सुल्तान बथेरी में जमीला द्वारा बेचा गया था। तीसरा पुरस्कार ₹5 लाख का DR 622489 टिकट तृशूर जिले के अम्मा लॉटरी एजेंसी से बिका, जिसका एजेंट के. अरुमुघम था।

ये तीनों विजेता अलग-अलग जिलों से हैं — पाथनामथिट्टा, वयनाड और तृशूर — जो दर्शाता है कि लॉटरी का फायदा पूरे केरल में बिखरा हुआ है। इन तीन पुरस्कारों का कुल राशि ₹1.35 करोड़ है, जो एक छोटे शहर के एक परिवार के लिए जीवन बदल सकता है।

सम्मान और संरचना: छोटे पुरस्कारों का बड़ा प्रभाव

लेकिन यहाँ असली चमत्कार छोटे पुरस्कारों में है। DP 784922 नंबर वाले टिकट के अंतिम छह अंक (784922) को साझा करने वाले सभी टिकट — DN, DO, DP, DR, DS, DT, DU, DV, DW, DX, DY, DZ — को ₹5,000 का सामान्य पुरस्कार मिला। इसका मतलब है कि लगभग 12,000 लोगों को एक साथ ₹5,000 मिले।

इसके अलावा, 19 टिकट नंबर — 0127, 0865, 1291, 1327, 1706, 2046, 2167, 2374, 2688, 2839, 3770, 4201, 4260, 4506, 5646, 5685, 6188, 7902 और 9625 — को ₹5,000 का चौथा पुरस्कार मिला। छह टिकट — 0508, 1322, 3337, 4591, 5112 और 8008 — को ₹2,000 का पांचवां पुरस्कार मिला।

छठा, सातवाँ, आठवाँ और नौवाँ पुरस्कार क्रमशः ₹1,000, ₹500, ₹200 और ₹100 थे, जिनके टिकट नंबर अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। लेकिन यह बात जरूरी है: ये छोटे पुरस्कार उन लोगों के लिए एक जीवन बदलने वाली राशि हैं जो दिनभर मेहनत करते हैं, लेकिन अपने बच्चों के लिए एक नया बैग या बिजली का बिल चुकाने में भी दिक्कत महसूस करते हैं।

पारदर्शिता का आश्वासन: लाइव ड्रॉ और ऑफिशियल पोर्टल

केरल लॉटरी विभाग ने इस ड्रॉ को बिल्कुल खुले तरीके से किया। लाइव ड्रॉ 2:55 बजे शुरू हुई, और 4:30 बजे तक statelottery.kerala.gov.in पर ऑफिशियल PDF उपलब्ध हो गया। यह अपने आप में एक अनूठी बात है — जहाँ कई राज्यों में लॉटरी ड्रॉ गुप्त रूप से होती हैं, केरल ने इसे एक नागरिक जागरूकता का अवसर बना दिया है।

लॉटरी विभाग का कहना है: “हम प्रत्येक ड्रॉ में पारदर्शिता और निष्पक्षता की पूरी गारंटी देते हैं।” यह बयान सिर्फ एक नारा नहीं है — यह एक व्यवहार है। यही कारण है कि केरल लॉटरी भारत में सबसे विश्वसनीय राज्य लॉटरी है।

लॉटरी का लक्ष्य: सामाजिक कल्याण के लिए राजस्व

केरल लॉटरी कोई बाजार का खेल नहीं है। यह एक सामाजिक कल्याण योजना है। हर रुपया जो लॉटरी टिकट पर खर्च किया जाता है, उसका एक हिस्सा स्कूलों के लिए, बीमार लोगों के लिए दवाइयों के लिए, और ग्रामीण विकास के लिए जाता है।

धनलक्ष्मी श्रृंखला हर बुधवार को आयोजित होती है — जबकि स्त्री शक्ति मंगलवार को, करुण्य बुधवार को, अक्षय गुरुवार को। ये अलग-अलग श्रृंखलाएँ अलग-अलग लोगों को लक्षित करती हैं। धनलक्ष्मी का खास फोकस बड़े पुरस्कारों पर है — जिससे लोगों को उम्मीद मिले।

अगला ड्रॉ: DL-21, 8 अक्टूबर, 2025

अगला ड्रॉ: DL-21, 8 अक्टूबर, 2025

अगला ड्रॉ 8 अक्टूबर, 2025 को होगा — धनलक्ष्मी DL-21। इस बार भी ₹1 करोड़ का पुरस्कार लटक रहा है। अगर आपने इस बार जीता नहीं, तो अगली बार बेचने वाला एजेंट याद रखें — शायद आपका भाग्य उसी एजेंट के पास छिपा हो।

पुरस्कार प्राप्ति की प्रक्रिया

जीतने वालों को अपना ओरिजिनल टिकट लेकर निर्धारित क्लेम सेंटर पर जाना होगा। अधिकारियों का कहना है कि टिकट के बारे में कोई भी शक या नकल की स्थिति में, विभाग जांच करेगा। यह एक धीमी प्रक्रिया है, लेकिन यह बहुत सुरक्षित है। जल्दबाजी में न जाएँ — टिकट बचाए रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या धनलक्ष्मी लॉटरी का परिणाम कहाँ देखा जा सकता है?

धनलक्ष्मी लॉटरी का आधिकारिक परिणाम statelottery.kerala.gov.in पर 4:30 बजे के बाद उपलब्ध होता है। इसके अलावा, न्यूज़18, मथ्रूभूमि और फ्रीजॉबएलर्ट जैसी वेबसाइट्स पर भी यह जानकारी प्रकाशित होती है। लेकिन केवल आधिकारिक पोर्टल को ही विश्वसनीय माना जाता है।

क्या टिकट खरीदने के लिए कोई आयु सीमा है?

हाँ, लॉटरी टिकट खरीदने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। कोई भी 18 से कम उम्र का व्यक्ति टिकट खरीद नहीं सकता। यह नियम बच्चों को जुए के आदी होने से बचाने के लिए है। टिकट खरीदते समय आधार कार्ड या आयु प्रमाण दिखाने का निर्देश भी दिया जाता है।

क्या अगर टिकट खो जाए तो पुरस्कार मिल सकता है?

नहीं, यदि टिकट खो जाए या नष्ट हो जाए, तो कोई भी पुरस्कार नहीं मिलता। टिकट केवल ओरिजिनल पेपर पर ही मान्य होता है। डिजिटल स्कैन या फोटो नहीं माने जाते। इसलिए जीतने वाले टिकट को सुरक्षित जगह पर रखें — बैंक की सेफ डिपॉजिटरी या घर के लॉकर में।

धनलक्ष्मी लॉटरी से कितनी राशि राज्य को मिलती है?

प्रत्येक टिकट के बिक्री मूल्य का लगभग 35-40% राज्य सरकार को मिलता है। इस राशि से स्कूलों के निर्माण, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए दवाइयाँ और गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का वित्तपोषण किया जाता है। 2024-25 में, लॉटरी से केरल सरकार को ₹2,100 करोड़ से अधिक आय हुई।

क्या लॉटरी जीतना न्यायसंगत है?

हाँ, अगर आप इसे एक सामाजिक योजना के रूप में देखें। यह कोई जुआ नहीं है — यह एक ऐसा तरीका है जिससे गरीब लोग भी एक बड़ा बदलाव पा सकते हैं। और यह बदलाव सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि उसके परिवार और समुदाय के लिए होता है।

क्या अगली बार भी 1 करोड़ का पुरस्कार होगा?

हाँ, धनलक्ष्मी श्रृंखला में हर बुधवार को ₹1 करोड़ का प्रथम पुरस्कार निर्धारित है। यह एक लगातार आशा का प्रतीक है। लेकिन याद रखें — जीतने की संभावना 1 करोड़ में से 1 है। इसलिए खरीदें, लेकिन अपनी आय के अनुसार।