मैच रिपोर्ट: ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से बाज़ी मारी

रिपोर्ट: अर्पित

Australia Women vs India Women के पहले डे-नाइट वनडे (14 सितंबर, 2025) में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8 विकेट से हराकर सीरीज़ की परफेक्ट शुरुआत की। मुकाबला 13:30 लोकल पर शुरू हुआ। भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी, शुरुआत मज़बूत रही, पर बीच के ओवरों की सुस्ती और ऑस्ट्रेलिया की अनुशासित गेंदबाज़ी ने कुल स्कोर को औसत ही रहने दिया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टॉप ऑर्डर—फीबी लिचफील्ड और बेथ मूनी—ने लक्ष्य का पीछा बिना घबराहट के किया और मैच को एकतरफा बना दिया।

भारत ने पॉज़िटिव टोन सेट किया। ओपनर्स प्रतिका रावल और स्मृति मंधाना ने नई गेंद को अच्छे से नेगोशिएट किया और 7.6 ओवर में 50 का आंकड़ा छू लिया। 13 ओवर के बाद ड्रिंक्स पर स्कोर था 75/0—रावल 36, मंधाना 34। यह बताता है कि पावरप्ले के बाद भी स्ट्राइक रोटेशन ठीक-ठाक रहा और बाउंड्रीज़ लगातार मिलती रहीं।

17.3 ओवर में ओपनिंग स्टैंड 100 पर पहुँचा। मंधाना ने 55 गेंदों पर हाफ सेंचुरी पूरी की—6 चौके, 1 छक्का; रावल ने 67 गेंदों में फिफ्टी ठोकी जिसमें 6 चौके शामिल थे। इस फेज़ में भारत का रन-रेट 5.7 के आसपास बना रहा, जो डे-नाइट कंडीशंस में प्रतिस्पर्धी स्कोर की ओर इशारा करता है।

पहला विकेट शतकीय साझेदारी के बाद गिरा, यहीं से ऑस्ट्रेलिया ने रफ़्तार पकड़ी। 30 ओवर के ड्रिंक्स तक भारत 142/1 था—रावल 64 पर, हरलीन कौर देओल 14 पर। यहाँ से रन-रेट लगभग 4.7 तक फिसला, जो बताता है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने लेंथ कस दी, स्लोअर बॉल्स और स्क्वायर-ऑन-द-विकेट फील्ड सेटअप से बाउंड्री ड्राई कीं। ओस का संभावित असर देखते हुए भारत को 35-45 ओवर के बीच गियर शिफ्ट करना था, लेकिन विकेट बचाने की चिंता में गति नहीं मिल सकी।

ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी ने यही मैच का टर्निंग पॉइंट बनाया—न तो बहुत प्रयोग, न ही अतिरिक्त आक्रामकता; बस लगातार सही चैनल्स, बीच के ओवरों में डॉट बॉल्स का दबाव, और स्ट्राइकर्स को सिंगल तक सीमित करना। परिणाम यह हुआ कि 15 से 35 ओवर के बीच भारत ने प्लेटफ़ॉर्म के हिसाब से कम रन बनाए और अंतिम 10 ओवरों में मनचाहा फिनिश नहीं मिला।

चेस में ऑस्ट्रेलिया ने इरादा साफ़ रखा—नई गेंद पर रिस्क-फ्री शुरुआत, फिर गैप्स में बॉल धकेलकर स्ट्राइक रोटेशन से भारतीय आक्रमण की धार कम करना। फीबी लिचफील्ड और बेथ मूनी की जोड़ी—दोनों बाएँ हाथ की बल्लेबाज़—ने एंगल्स का फायदा उठाया, ऑफ-साइड पर काम किया, और शॉर्ट ऑफ लेंथ बॉल्स को पॉइंट और कवर के बीच से निकालकर बाउंड्री में तब्दील किया। लक्ष्य की प्रकृति ऐसी रही कि उन्हें बड़ी हिटिंग की ज़रूरत नहीं पड़ी, विकेट हाथ में रखकर उन्होंने भारत को बैकफुट पर रखा।

मूनी की शॉट-सेलेक्शन मैच का हाइलाइट रही—फुल लेंथ पर ड्राइव, इन-बीट्वीन लेंथ पर पंच, और स्पिन के सामने पैरों का अच्छा इस्तेमाल। लिचफील्ड ने शुरुआत में समय लिया, फिर रफ्तार पकड़ी और वन-टू पंच की तरह दूसरे एंड से स्कोरबोर्ड चलाती रहीं। भारत को शुरुआती विकेट नहीं मिले—यहीं से पीछा आसान दिखने लगा। आसमान में हल्की नमी और शाम की कंडीशंस ने गेंद को बल्ले पर और अच्छा आने दिया, इस वजह से डिफेंसिव फील्ड्स भी दबाव नहीं बना सकीं।

भारत ने रणनीति में कुछ सही कदम भी उठाए—आफ-स्टंप के बाहर चौथी-पाँचवीं स्टंप लाइन, बीच-बीच में शॉर्ट बॉल ट्रैप, और लेग-साइड प्रोटेक्टेड फील्ड। पर जब तक विकेट नहीं टूटे, रन-रेट पर लगाम कसने का फायदा नहीं मिला। अंत में ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट बचाते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया, जो स्कोरबोर्ड पर उनकी पकड़ का साफ़ संकेत है।

कहाँ चूका भारत, ऑस्ट्रेलिया ने क्या सीखा

कहाँ चूका भारत, ऑस्ट्रेलिया ने क्या सीखा

पहला—भारत के टॉप ऑर्डर ने शानदार प्लेटफ़ॉर्म दिया, लेकिन 25-40 ओवर के बीच ऐक्सेलरेशन नहीं हुआ। इस फेज़ में सीमित बाउंड्रीज़ और बढ़ती डॉट बॉल्स ने अंत के ओवरों में दबाव बढ़ाया। दूसरा—डे-नाइट मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 280+ की रफ़्तार की कोशिश ज़रूरी थी; रन-रेट का गिरना ऑस्ट्रेलिया के हक़ में गया।

ऑस्ट्रेलिया के लिए सीख यह रही कि उनके पास परिस्थितियों के मुताबिक ढलने की क्षमता है। नई गेंद से सख़्त लाइन-लेंथ, स्पिनरों की नियंत्रित इकॉनमी, और फील्डिंग में तेज़ी—तीनों ने मिलकर भारत को ब्रेकथ्रू के बाद बांधकर रखा। बैटिंग में लिचफील्ड-मूनी की जोड़ी ने दिखाया कि विकेट बचाकर गेप्स टार्गेट करना, छोटे-छोटे टार्गेट सेट करना, और पार्टनरशिप को 25-30 ओवर तक खींचना वनडे चेज़ का भरोसेमंद टेम्पलेट है।

मैच के निर्णायक पल:

  • भारत 13 ओवर: 75/0—मजबूत शुरुआत, विकेट हाथ में।
  • 17.3 ओवर: शतकीय ओपनिंग साझेदारी—प्लेटफ़ॉर्म तैयार।
  • 30 ओवर: 142/1—रन-रेट स्लो, ऑस्ट्रेलिया की पकड़ मज़बूत होती हुई।
  • ऑस्ट्रेलिया की चेज़: लिचफील्ड-मूनी की नियंत्रित आक्रामकता—लक्ष्य का दबाव खत्म।

सीरीज़ अब 1-0 से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है। भारत के लिए अगला कदम साफ़ है—मध्य ओवरों में स्ट्राइक-रेट बढ़ाना, फिनिशिंग ओवरों के लिए सेट बैटर बचाकर रखना, और नई गेंद से शुरुआती स्ट्राइक ढूंढना। ऑस्ट्रेलिया का कॉन्फिडेंस ऊँचा है, और इसी टेम्पलेट के साथ वे अगला मैच भी कंट्रोल में रखना चाहेंगी।