होली में ऐसे करें असली और नकली मावे की पहचान
होली के रंग मिठाइयों की मिठास के बिना अधूरे लगते हैं। हालांकि होली के दौरान मार्केट में एकाएक मांग बढ़ने के साथ ही मिठाइयों की सप्लाई भी बढ़ जाती है। मिलावटी मिठाई के सेवन से सबसे ज्यादा नुकसान लीवर को होता है। लीवर में सूजन और आंतों में संक्रमण होने का डर बढ़ जाता है। वहीं, मिलावटी मिठाई खाने से पीलिया भी हो सकता है। होली के मौके पर मिलावटी मिठाइयों से कैसे बचा जा सकता है.
गंभीर बीमारी होने का खतरा
डॉक्टर अश्वनी कंसल बताते हैं कि मिलावटी मिठाइयों को बनाने के लिए जिस मावे का इस्तेमाल किया जाता है, वह सिंथेटिक दूध से तैयार होती हैं। इनके इस्तेमाल से कैंसर होने का डर सबसे अधिक रहता है। वहीं, मिलावटी मिठाई के सेवन से फूड पॉयजनिंग, उल्टी व दस्त भी हो सकते हैं। वहीं, मिलावटी पनीर व घी के सेवन से सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा संबंधी रोग भी हो जाते हैं। इसके अलावा शरीर में सूजन और खून की कमी भी हो सकती है।
यूं पहचानें
मिलावटी या नकली मावे का स्वाद व रंग सामान्य से अलग होता है। मिलावटी मावे को उंगलियों में लेकर रगड़ने पर उसमें चिकनापन नहीं है, तो समझ जाएं कि वह नकली है। उन्होंने बताया कि मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध की बजाए रसायन, आलू, शक्करकंद, रिफाइंड आदि का इस्तेमाल किया जाता है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जेंट पाउडर, तरल जेल और चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल ऑयल एवं एसेंट पाउडर का प्रयोग किया जाता है।