पगले कैसे दुनिया बदलते हैं, देखिए अक्षय कुमार की फ़िल्म Pad Man का ट्रेलर
मुंबई। सिनेमा का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन होता है, लेकिन अगर मनोरंजन के साथ सिनेमा किसी सामाजिक मुद्दे को भी संबोधित करे तो इसकी सार्थकता कई गुना बढ़ जाती है। अक्षय कुमार की फ़िल्म ‘पैड मैन’ ऐसे ही सिनेमा का प्रतिनिधित्व करती है। महिलाओं से जुड़े बेहद अहम और संवेदनशील मुद्दे पर आधारित ‘पैड मैन’ का ट्रेलर इंटरनेट पर रिलीज़ कर दिया गया है।
माहवारी या पीरियड्स और इससे जुड़ी स्वच्छता ऐसा विषय है, जिससे हर महिला की ज़िंदगी प्रभावित होती है, मगर इसको लेकर बातचीत करना सही नहीं माना जाता है। देश के ग्रामीण इलाक़ों में तो स्थिति और भी ज़्यादा दयनीय है, जहां पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां थोप दी जाती है। ‘पैड मैन’ की कहानी की ख़ूबसूरती यही है कि महिलाओं से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर एक पुरुष की संवेदनाएं जागीं और उसने माहवारी के दौरान उनकी दिक्कतों को समझते हुए इससे निपटने के उपाय को खोजने का बीड़ा उठाया। मगर, ये सब आसान नहीं था। उसे संकुचित सोच वाले समाज से लड़ना पड़ा। शायद इसीलिए फ़िल्म में उसे पगला कहा गया है, क्योंकि पगले ही दुनिया बदलते हैं।
‘पैड मैन’ सेनेटरी नैपकिंस के क्षेत्र में क्रांतिकारी आविष्कार करने वाले उस अरुणाचलम मुरुगनाथम की ज़िंदगी से जुड़ी है, जिन्होंने हाइजनिक और सस्ते नैपकिन बनाने वाली मशीन बनाई, जिससे उनके बनाये गए पैड्स कमर्शियल पैड्स के मुकाबले एक तिहाई कीमत पर बाज़ार में आये। साल 2014 में टाइम मैगजीन ने अरुणाचलम को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया। उनके इस काम को अक्षय कुमार की वाइफ़ ट्विंकल खन्ना ने अपनी किताब ‘द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद’ में लिखा और बाद में ये कहानी इतनी प्रेरणादायक लगी कि आर बाल्की ने इस फ़िल्म के निर्देशन का फै़सला किया।