मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में कल चीन जाएंगे, जिनपिंग के साथ होगी द्विपक्षीय बातचीत
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कल (9 जून) को चीन के क्विंगदाओ शहर पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पहले ही उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी। दोनों नेता 43 दिन में दूसरी बार मिल रहे हैं। इससे पहले मोदी 27-28 अप्रैल को चीन के वुहान शहर गए थे। वहां उन्होंने जिनपिंग से अनौपचारिक मुलाकात की थी। हाल ही में चीन की सरकारी मीडिया ने भी दोनों नेताओं की लगातार मुलाकातों को रिश्तों के लिहाज से अहम बताया था।
दूरियां कम करने की कोशिश
– चीन में भारत के राजदूत गौतम बम्बावाले ने बुधवार को चीन की सरकारी मीडिया संस्था सीसीटीवी न्यूज को इंटरव्यू दिया था।
– उन्होंने कहा था कि मोदी-जिनपिंग इस मीटिंग के जरिए दोनों देशों के रिश्तों में दूरियां कम करने की कोशिश करेंगे, ताकि साथ-साथ अपनी तरक्की और खुशहाली के लिए काम कर सकें।
– भारत एससीओ में पिछले साल ही स्थाई सदस्य के रूप में शामिल हुआ है।
मोदी-पुतिन भी 20 दिन में दूसरी बार मिलेंगे
– एससीओ की बैठक दो दिन (9-10 जून) चलेगी। इस दौरान मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिलेंगे। दोनों नेताओं की 20 दिन में यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मोदी 21 मई को रूस के गए थे। वहां सोच्ची शहर में उन्होंने पुतिन से अनौपचारिक मुलाकात की थी।
– पिछले साल भारत को एससीओ में शामिल करने में भी रूस ने अहम किरदार निभाया था।
परमाणु समझौता बचाने की कोशिश हो सकती है
– एससीओ में इस साल पर्यवेक्षक देश (ऑब्जर्वर स्टेट) के तौर पर ईरान भी हिस्सा लेगा।
– अमेरिका की तरफ से परमाणु समझौता रद्द किए जाने के बाद ईरान पहली बार किसी समिट में हिस्सा ले रहा है। इसमें ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी पहुंचेंगे।
– माना जा रहा है कि ईरान के साथ रूस और चीन परमाणु समझौते को बचाने की कोशिश में जुटेंगे। भारत भी ईरान का एक बड़ा सहयोगी रहा है। ऐसे में इस समिट की अहमियत और बढ़ गई है।
– चीनी अखबार रूस, चीन और भारत की जुगलबंदी को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए लगातार अहम बताते रहे हैं।