आज दोबारा नेपाल के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी विद्या देवी भंडारी,जानें कौन हैं विद्या
नेपाल की नई राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी आज शाम अपने पद की शपथ लेंगी। विद्या दोबारा राष्ट्रपति चुनी गई हैं और साल 2015 में उन्हें नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल हुआ था। मंगलवार को नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। विद्या का मुकाबला नेपाली कांग्रेस की लक्ष्मी राय से था और उनकी जीत शुरुआत से ही तय मानी जा रही थी। विद्या पहली महिला राष्ट्रपति होने के अलावा अब पहली ऐसी राष्ट्रपति भी चुन गई हैं जो कई वर्षों बाद हुए संसदीय चुनावों के बाद पद संभालने जा रही हैं।
कौन हैं विद्या 64 वर्षीया भण्डारी छात्र जीवन से ही नेपाल की कम्युनिस्ट राजनीति में सक्रिय रहीं। नेपाल की सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की उपाध्यक्ष रहीं हैं। वह नेपाल के रक्षा मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल चुकी हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति की उम्मीदवार थीं। साल 2015 में उन्होंने नेपाली कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कुल बहादुर गुरूंग को हराया। राष्ट्रपति होने के साथ ही विद्या भण्डारी नेपाली सेना की प्रमुख भी बनी हैं। 2015 में जब नेपाल में नया संविधान आया तो उसमें नेपाली सेना के संचालन और परिचालन का संपूर्ण अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया।
साल 2016 में नेपाल की ताकतवर
महिला साल 2016 में फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में 52वें नंबर पर रखा था। रक्षा मंत्रालय को संभालने के अलावा वह सल 1990 में नेपाल की पर्यावरण मंत्री भी रह चुकी हैं। विद्या का जन्म 19 जून 1961 में भोजपुर के माने भांजयांग में राम बहादुर पांडेय और मिथिला पांडेय के घर हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1980 में की जब उन्हें नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता मिली थी। इसके बाद उन्होंने 1994 और फिर 1999 में संसद का चुनाव लड़ा। 1994 में उन्होंने उस समय के प्रधानमंत्री कृष्ण प्रसाद भट्टराई को हराया और इसके बाद उन्होंने 1999 में दामानाथ धुनगाना को हराया था।
पति की मौत रहस्य
विद्या की शादी नेपाल के लोकप्रिय कम्युनिस्ट नेता मदन भंडारी से हुई थी। मदन की मौत नेपाल के चितवन जिले में हुए एक एक्सीडेंट में साल 1993 में हो गई थी। उस समय इस एक्सीडेंट का मर्डर बताया गया था और आज तक इस पर रहस्य बरकरार है। विद्या की दो बेटियां हैं उषा कृष्ण और निशा कुसुम भंडारी।
पहले से तय थी विद्या की जीत
मंगलवार को जो वोटिंग हुई उसमें करीब 330 सांसद केंद्रीय संसद और 550 सांसद प्रांतीय परिषद की तरफ से वोट डाले गए। नेपाल की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में 275 सांसद और 59 सांसद राष्ट्रीय सदन में हैं। वहीं इसके उलट देश की केंद्रीय संसद में 79 सांसद और प्रांतीय परिषद में 48 सांसद हैं। दोनों की वोटों की गिनती 26,000 और 70 के आसपास बैठती है। राष्ट्रीय जनता पार्टी और फेडरल सोशलिस्ट फोरम भंडारी के पक्ष में वोट किया और इसने ही विद्या का एक और कार्यकाल सुनिश्चित किया।