कांची शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का 82 वर्ष की उम्र में निधन
कांची पीठ शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का बुधवार को निधन हो गया है। डॉक्टरों ने आज यह जानकारी दी है। वह 82 वर्ष के थे। शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती हिंदू धर्म के बड़े गुरु, कांची कामाकोटी पीठ के पुजारी और 69वें शंकराचार्य थे। बता दें कि शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जनवरी माह में एक मठ में सांस लेने में तकलीफ और लो बल्ड प्रेशर की परेशानी के बाद बेहोश हो गए थे। जिसके बाद उन्हें चेन्नई के श्रीरामचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि बाद में तबीयत में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
शंकराचार्य बीते साल नवंबर महीने में दिल्ली आए थे, लेकिन उस वक्त उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं थी। कांची मठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में की थी। इस पीठ के दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में अनुयायी है। शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को साल 1954 में तत्कालीन शंकराचार्य चंद्रशेखर सरस्वती का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। साल 1935 में जन्में जयेन्द्र सरस्वती ने साल 1994 में कांची कामाकोटी पीठ के प्रमुख का पद संभाला था। जयेन्द्र सरस्वती की मौत के बाद अब विजयेन्द्र सरस्वती उनका स्थान लेंगे। जयेन्द्र सरस्वती के कार्यकाल में कांची कामाकोटी पीठ चैरिटेबल कामों में काफी आगे रही। इस दौरान पीठ ने कई अस्पताल और स्कूलों का निर्माण कराया। जयेन्द्र सरस्वती ने अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में भी शांतिपूर्ण मध्यस्थता की कोशिश की थी।
शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती उस वक्त विवादों में भी आए, जब साल 2004 में उन्हें कांचीपुरम वर्दराजन पेरुमल मंदिर के मैनेजर ए. शंकररमन की हत्या में आरोपी बनाया गया। इस दौरान शंकराचार्य सरस्वती को 2 माह न्यायिक हिरासत में भी बिताने पड़े। जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था। उल्लेखनीय है कि साल 2013 में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती समेत 22 अन्य लोगों को हत्या के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती के निधन पर कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।