एक फिर सिद्धू का राजनीतिक भविष्य संकट में
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि सजा पर रोक लगाई थी और काफी समय से मामला धीमी चाल से चल रहा था लेकिन नवजोत सिद्धू के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के कुछ समय बाद ही दोबारा सक्रियता बढ़ी।
गौर है की सुप्रीम कोर्ट में गुरनाम के परिवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी तेजी से हो रही है। फैसला पक्ष में नहीं आता तो सिद्धू के पास सुप्रीम कोर्ट में ही रिव्यू पटीशन व अन्य विकल्प मौजूद रहेंगे लेकिन अंदाजा लगाया जा सकता है कि सजा पर रोक को हटाने की सूरत में सिद्धू को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सिद्धू के राजनीतिक भविष्य पर संकट मंडऱाने लगा है।
नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें सिद्धू: चुघ
चंडीगढ़ (ब्यूरो): भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तरुण चुघ ने कैप्टन सरकार के सरकारी वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के विरुद्ध 1988 हत्या के मामले में शामिल नहीं होने के बयान से उनकी ही सरकार ने किनारा कर कहा कि सिद्धू झूठ बोल रहे हैं, इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सिद्धू को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पहली बार होगा कि सरकार अपने मंत्री पर कत्ल केस में उसके झूठ बोलने के बारे में बयान दे रही है। हर बात पर बड़ी-बड़ी नैतिकता पर भाषण देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू अब चुप क्यों हैं। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर और मुख्यमंत्री से कहा कि सिद्धू इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें बर्खास्त किया जाए।